कैमल बैटरी को भारत में जेड-पावर उपलब्ध कराएगी
कैमल, मलेशिया के व्यापार प्रमुख मिस्टर हार्वे जियांग ने स्पष्ट किया की भारत की ZPower भारत में कैमल बैटरी के एकमात्र और आधिकारिक वितरक होंगे। उन्होंने बताया की वो पिछले काफी समय से भारत में काम करना चाह रहे थे, लेकिन कोई सही माध्यम न मिल पाने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। ZPower एक विश्वसनीय कंपनी है और इनके बिजनस का ट्रेक रिकार्ड भी बहुत बेहतर है। हमें खुशी है की अब कैमल की बैटरी भारत में हमारे आधिकारिक चैनल से उपलब्ध होगी।
कैमल, मलेशिया के व्यापार प्रमुख मिस्टर हार्वे जियांग व ZPower के श्री सचिन गुप्ता ने एक मलेशिया में एक संक्षिप्त समारोह में आपसी व्यापारिक रिश्तों की घोषणा की।
श्री सचिन गुप्ता ने इस अवसर पर बताया की कैमल से उनके संबंध बहुत पुराने हैं। हम कैमल की बैटरी बहुत समय से निर्यात भी कर रहे थे। जब कैमल ने उन्हे भारत के आधिकारिक वितरक बनाने की बात की तो यह भारत के लघु बैटरी उद्योग के लिए हमे ये एक अच्छा अवसर लगा।
कैमल का लक्ष्य भी भारत के छोटे और माध्यम स्तर के बैटरी निर्माताओं को वो एडवांस्ड बैटरी उपलब्ध कराना है जो वो सीमित साधनों में नहीं बना पाते। हम भी उन्हें OEM की तरह फैक्ट्री रेट पर बैटरी देना चाहते हैं, जिसे वो अपने ब्रांड से उन्हे बेचे। इस तरह जो सेगमेंट सिर्फ बड़े बैटरी बनाने वालों के पास है, वो भी छोटे और माध्यम आकार के बैटरी निर्माता बाजार में उपलब्ध करा पाएंगे।
ZPower भारत में कैमल मलेशिया में बनी लैड ऐसिड प्रकार की आटोमोटिव बैटरी, शुद्ध लैड बैटरी, AGM बैटरी व ट्रैक्शन बैटरी के साथ लिथियम आयन बैटरी भी बाजार को उपलब्ध कराएगी।
कैमल की प्रोडक्शन लाइन और तरीकों को हम सब पिछले काफी समय से देखते या रहे हैं। एशिया में बैटरी बनाने की सबसे बड़ी फैक्ट्री में उत्पादन के आधुनिकतम तरीकों, उच्चतम क्वालिटी के कच्चे माल, बनाने के प्रोसेस में एक-एक कदम पर सावधानी और स्वचालित तरीकों का उपयोग और बैटरी बनने और बिकने के बाद भी प्रत्येक बैटरी की रिपोर्ट- ये पूरा तंत्र काम कर रहा है तब कैमल बैटरी की विश्वशनीयता और भरोसेमंद बैटरी के रूप में जाना जाता है।
एक्साइड, एमरोन और लीव फास्ट जैसे बड़े ब्रांड के पास Expended Grid तकनीकी से बैटरी बनाने का काम हाल ही मे शुरू हुआ है जबकि कैमल बैटरी मे इस तरह की तकनीकी का उपयोग बहुत पहले से हो रहा है और वो भी इस तरह की लगभग एक दर्जन मशीनों के साथ।
बेहतर तकनीकी से बनी कैमल बैटरी कैसे बिजनस में सहायता कर सकती है।
हमने देखा की किस प्रकार विशाल और अत्याधुनिक मशीनों और कुशल कर्मियों से किस तरह लंबी आयु की कैमल बैटरी निर्माण होता है। तकनीकी और मशीनों पर इतनी भारी भरकम पूंजी लगाना यहाँ संभव नहीं है, इस कारण भारत का लघु बैटरी उद्योग आटोमोटिव बैटरी में लगातार पिछड़ता चला गया, कई कारों की बैटरी तो लघु क्षेत्र में बनती ही नहीं है। जेल तकनीकी की ई बाइक बैटरी में तो पूरी तरह आयात पर निर्भर थे । तकनीकी और पूंजी की कमी सो जो बैटरी के माडल लघु क्षेत्र नहीं बना पा रहा है, उसका समाधान कैमल बैटरी हो सकती है।
व्यापार में प्रगति की क्या-क्या संभावनाएं है-
- कैमल बैटरी अपने ब्रांड में भी ले सकेंगे
- कैमल की बैटरी से एक नया ब्रांड चला सकते हैं।
क्योंकि कैमल बाजार को केवल बैटरी देगा, अपना ब्रांड नाम नहीं सो कोई भी बैटरी निर्माता उनसे अपने ब्रांड में भी बैटरी ले सकता है या बिना नाम के सादी बैटरी भी। बाजार में चल रहे अपने ब्रांड को छेड़ने की जरूरत नहीं, लेकिन कैमल बैटरी से एक नया ब्रांड भी जोड़ सकते हैं और चल रही लाइन में नया माडल भी जोड़ सकते हैं।
यहाँ बताना ठीक होगा की कैमल प्रतिवर्ष चार करोड़ से ज्यादा बैट्रियों का उत्पादन करती है, और 64 से अधिक देशों से ये बैटरी निर्यात की जाती है। विश्व की 200 से अधिक कम्पनियाँ इन बैटरीयों को ओ ई एम के तौर पर उपयोग करती है।
कैमल का आर एंड डी का बजट लगभग 600 करोड़ रूपये प्रति वर्ष का रहता है। इसी बात से इनके उत्पादन की विशालता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह बजट पूरे सेल्स रेविन्यू का लगभग 3% होता है।
कैमल और जेड-पावर के बीच यह रणनीतिक व्यवस्था, लोकल और छोटे बैटरी निर्माताओं को अत्याधुनिक Expanded और पंच ग्रिड तकनीकी बनी बैटरी तक पहुंच प्रदान करेगी। जेड-पावर भी बैटरी की एक नई श्रृंखला जारी करेगा जो अत्याधुनिक और प्रीमियम सेगमेंट के वाहनों के लिए बैटरी उपलब्ध कराएगी।
आगे चलकर जेड-पावर ने नई पीढ़ी के हाइब्रिड वाहन डीलरों की बाजार की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एजीएम/ईसीएम बैटरी जैसे नए तकनीकी वाले उत्पादों को जारी करने की भी योजना बनाई है।
श्री सचिन गुप्ता ने बताया की हम एक टीम के रूप में हमारे ग्राहकों के साथ काम करते हैं। 1977 में हमारी स्थापना के बाद से हमने अपने ग्राहकों की सफलता के साथ अपनी सफलता को मापा है और हम उद्योग में पारदर्शी संचार, समझ, प्रतिबद्धता और अखंडता के उच्चतम स्तर को बनाए रखते हैं।
जेड-पावर का विश्वास भरा व्यापारिक सफर
बरनाला में बैटरी की एक छोटी सी दुकान से भरोसेमंद बैटरी एक्स्पोर्ट हाउस तक
जेड-पावर ने इसी दीपावली को बैटरी व्यापार में 45 वर्ष पूरे किए।
यह लंबी अवधि किसी के लिए भी गर्व का विषय हो सकती है। जहां व्यापार सिर्फ चलता ही न रहा हो बल्कि लगातार आगे भी बढ़ा हो और सोने पे सुहाग की अगली पीढ़ी ने उसे और आगे बढ़ाया हो। 2004 में राकेश गुप्ता जी के बेटे श्री सचिन गुप्ता ने पढ़ाई पूरी करने के बाद काम में रुचि लेनी शुरू की। यहाँ से बैटरी काउंटर रीटेल से काम आगे बढ़ कर थोक बैटरी व्यापार मेँ बदल गया और शीघ्र ही बैटरी के आयात और निर्यात में। खुशी की बात है की इस समय जेड-पावर राकेश जी और सचिन गुप्ता जी की अगुवाई में 30 से अधिक देशों को बैटरी निर्यात कर रहा है।