लघु बैटरी उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय और निर्यात बाजारों में वर्तमान चुनौतियां और समाधान विषय पर 18 वीं पावर ऑन तकनीकी सम्मेलन हैदराबाद मे सम्पन्न
सम्मेलन का विषय रहा लैड बैटरी उद्योग में एसएमई के लिए राष्ट्रीय और निर्यात बाजार चुनौतियां और समाधान । सम्मेलन लघु बैटरी उद्यमियों को व्यापार के नए अवसरों को बताने में सफल रहा। साथ ही बाजार की विषम परिस्थितियों में व्यापार व उद्योग कैसे चलाए- इस ज्वलंत विषय पर भी अनुभवी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत विशिष्ट अतिथियों और बैटरी फेडरैशन के पदाधिकारियों के द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुई। बैटरी फेडरैशन के अध्यक्ष श्री हर्ष पाल जी एवं महासचिव श्री नरेश तोमर ने उपस्थित बैटरी जनों का स्वागत करते हुए आशा प्रगट की कि आज का सम्मेलन आशा की किरण ले कर आएगा। कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध उद्यमी व मार्गदर्शक श्री रमेश नटराजन जी ने किया।
तकनीकी विचार विमर्श की शुरुआत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस से प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने इलेक्ट्रिक रिक्शा (ई-रिक्शा) की बैटरी की समस्या से की। प्रोफेसर शुक्ला के अनुसार इलेक्ट्रिक रिक्शा (ई-रिक्शा) भारत में एक विलक्षण सार्वजनिक परिवहन के रूप में लगातार विकसित हो रही है और इसका नेटवर्क भी लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन इसके साथ दो समस्याएं सामने या रही है-: एक रेंज की चिंता, क्योंकि वे लंबे समय तक नहीं चल सकते । दूसरी समस्या है सीमित गति जो आम तौर पर अधिकतम 25 किमी / घंटा तक सीमित होती है। इन समस्याओं का हाल भी उन्होंने एक नए पटेन्टेड तकनीकी के रूप में सामने रखा। उन्होंने इसे इस प्रकार विकसित किया है की यह टार्क कनवर्टर के रूप में काम करेगा जिससे ई-रिक्शा की शाफ्ट गति बढ़ाई जाएगी। परिणामस्वरूप बैटरी वर्तमान/ऊर्जा की खपत से ही ई-रिक्शा की गति बढ़ेगी और ई-रिक्शा बैटरी का वजन बढ़ाए बिना लंबी दूरी तय कर सकेगा।
ल्युमिनस के वरिष्ठ उप प्रबंधक श्री अमलान कान्ति दास ने भारत सरकार की हर घर सोलर योजना को रेखांकित करते हुए लैड ऐसिड बैटरी बाजार के विस्तार की बड़ी संभावनाओं पर विस्तार से समझाया। उनके अनुसार जल्द ही भारत का बैटरी बाजार आज से कई गुना बढ़ने की व्यापक संभावनाएं हैं।
डॉक्टर आर वी जी के सरमा ने भी आगामी भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिल्यन डालर के आकार का होने पर ऊर्जा खपत का अनुमान बताते हुए संभावित बैटरी बाजार के विस्तार और बैटरी निर्माताओं के लिए संभावनाओंका खाका खींचा। एक बड़ा प्रश्न सब बैटरी जनों के मन में खटकता रहता है की क्या लिथियम बैटरी लैड ऐसिड बैटरी के बाजार को खत्म कर देगी? डॉ. सुगुमारन का कहना था कि काम लागत , आसान रीसाइक्लिंग और स्थापित तकनीकों के कारण लैड बैटरी के बाजार के खत्म होने की संभव नहीं है ।
तकनीकी विषयों से अलग बाजार की विषम स्थिति को ध्यान में रखते हुए, एक अनुभवी उद्योगपति -श्री हितेन भाई भलारिया को भी विशेष अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्हें निर्यात के लिए विभिन्न पुरस्कार मिले हैं। उन्होंने अपने अनुभव से समझाया की बाजार की विषम परिस्थितियों में व्यवसाय कैसे करें। उनका सम्बोधन उपस्थित प्रतिनिधियों के लिए एक प्रेरक सत्र साबित हुआ।
भारत के उच्चतम बैटरी प्रौद्योगिकी केंद्र, सेंट्रल ऑफ इलेक्ट्रो केमिस्ट्री रिसर्च इंस्टीट्यूट, कराईकुडी, तमिलनाडु के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री सुन्दर लैड बैटरी पर बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के कार्बन के लैड बैटरी पर प्रभाव पर नवीनतम शोध को विस्तृत रूप से बताया। शोध के परिणामों स्पष्ट बात रहे थे की कौन सी बैटरी के लिए कौन स कार्बन बेहतर है।
कंप्यूटर प्रोग्राम, ऐप और सोशल मीडिया के उपयोग पर भी दिन-प्रतिदिन के कामकाज को आसान बनाने और ग्राहकों तक प्रभावी पहुंच के साथ बाजार लागत में कटौती करने पर चर्चा की गई। अहमदाबाद से रशीदा मकाती ने प्रभावी ढंग से समझाया की सोशल मीडिया के सशक्त उपयोग से हम काम लागत में ग्राहक तक कैसे अपनी बात पहुँच सकते हैं और उसे सेवा कैसे दे सकते हैं। अमेरिका से आए मिस्टर Nullo Madella ने बैटरी सेपरेटर के एक विशिष्ट प्रकार के बारे में बताया जो अमेरिका और यूरोप पर प्रमुख बैटरी निर्माता उपयोग करते हैं। उन्होंने बताया की यह सेपरेटर अब भारत में भी उपलब्ध है।
लक्समबर्ग से विश्व की एक विख्यात बैटरी सेपरेटर निर्माता कंपनी के तकनीकी निदेशक डॉ Adrien comes ने उनकी कंपनी द्वारा विकसित एक नए प्रकार के सेपरेटर की जानकारी सभा को दी। यह सेपरेटर बैटरी को ज्यादा उम्र के साथ साथ ज्यादा विद्युत निर्माण में सहायक है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा लाए गए स्क्रैप बैटरी संकलन के नए नियम को वरिष्ठ सलाहकार श्री आदित्य महावर ने उपस्थित बैटरीजनों को समझाया।
सम्मेलन लघु बैटरी उद्यमियों को व्यापार के नए अवसरों को बताने में सफल रहा। साथ ही बाजार की विषम परिस्थितियों में व्यापार व उद्योग कैसे चलाए- इस ज्वलंत विषय पर भी अनुभवी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। नवीन तकनीकी और उत्पादन को समझने और जानने का अवसर मिला। यह भी ज्ञात हुआ की जब देश लगातार आर्थिक महाशक्ति बनाने की और अग्रसर है तब क्या क्या अवसर लघु बैटरी उद्यमियों और व्यापारियों को मिलने वाले है,
समग्र रूप से कहे तो सम्मेलन के उद्देश्यों में सफलता मिली।