वित्त मंत्री ने लैड रीसाइक्लिंग व्यापार और उद्योग में बाधाओं का मुकाबला करने के लिए बैटरी स्क्रैप को रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म में लाने का आश्वासन दिया

MRAI ने माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन को सुझाव दिया कि बैटरी स्क्रैप व्यापार को सीजीएसटी अधिनियम 2017 के रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (नियम 9 (3)) के तहत लाया जाए। एमआरएआई के अनुसार, इससे न केवल कर अनुपालन में सुधार होगा बल्कि एमओईपीसीसी द्वारा बनाए गए बीएमएचआर नियमों के तहत पर्यावरण अनुपालन और ईपीआर लक्ष्यों में सुधार करने में भी मदद मिलेगी । वे आगे जोड़ते हैं कि इससे सालाना कर संग्रह में २००० करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है ।

वित्त मंत्री ने लैड रीसाइक्लिंग व्यापार और उद्योग में बाधाओं का मुकाबला करने के लिए बैटरी स्क्रैप को रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म में लाने का आश्वासन दिया

MRAI का एक प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्री श्रीमती निर्मल सीतारमन से बैटरी स्क्रैप रीसाइक्लिंग उद्योग की समस्याओं और समाधान से अवगत करने के लिए संस्था के डायरेक्टर श्री नवीन शर्मा के नेतृत्व में दिल्ली मे उनके कार्यालय में मिला। जयपुर से लोकसभा सांसद श्री राम चरण बोहरा ने इस मुलाकात का मार्गदर्शन किया ।

वित्त मंत्री के साथ बैठक के बाद श्री नवीन शर्मा ने बताया कि श्रीमती सीतारमन हमारे सुझावों का समर्थन  किया और इस मामले को जीएसटी काउंसिल की बैठक में रखने का आश्वासन भी दिया। श्री नवीन शर्मा ने वित्त मंत्री को आश्वस्त किया कि इस कदम से सरकार को अतिरिक्त राजस्व की कमाई होगी, पर्यावरण अनुपालन में सुधार होगा, और फर्जी आईटीसी कम हो जाएगी ।

अपने ज्ञापन में, MRAI ने कहा कि बैटरी हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का महत्वपूर्ण अंग है।  यह कारों को स्टार्ट देने के अलावा, दूरसंचार, सार्वजनिक परिवहन, सौर ऊर्जा, घर यूपीएस और चिकित्सा प्रक्रियाओं में बिजली के एक बैकअप स्रोत के रूप में कार्य करती है। इसके अलावा बैटरी स्वच्छ, विश्वसनीय और सस्ती बिजली सेवाओं के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

लेकिन कर संरचना में कुछ खामियों और बैटरी प्रबंधन और हैंडलिंग नियमों २००१ के विधि अनुसार अनुपालन न होने के कारण, एकत्रित स्क्रैप का अधिकांश हिस्सा अनधिकृत रीसाइक्लिंग इकाइयों को चला जाता है । ये इकाइयां न केवल टैक्स का नुकसान करती हैं बल्कि पर्यावरण को भी गहन क्षति पहुंचाती हैं। इनमे काम करने वाले कामगारों के स्वास्थ का भी ध्यान नहीं रखा जाता। इस प्रकार बैटरी स्क्रैप के अनधिकृत इकाइयों तक पहुँच जाने के कारण अधिकृत लैड रीसाइक्लिंग इकाइयों को कच्चे माल (स्क्रैप) की कमी का सामना करना पड़ता है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है की स्क्रैप बैटरी का संग्रह वैधानिक तरीके से सुनिश्चित किया जाए ।

MRAI ज्ञापन के अनुसार बैटरियों की कुल बिक्री में 20% oem  को, 10% बड़े उपयोगकर्ताओं को और 70% रीटेल मे घरेलू ग्राहकों को होता है। इसमें घरेलू ग्राहकों से स्क्रैप बैटरी का संग्रहण एक बड़ी चुनौती है। इनमें से पेंसिल सेल, बटन सेल, मोबाईल बैटरी जैसे स्क्रैप तो वापिस बहुत काम आते हैं, और यदि आते हैं तो अधिकृत रीसाइक्लिंग इकाइयों  तक नहीं पहुंचते।  

MRAI का अनुमान है कि व्यक्तिगत उपभोक्ताओं से लगभग 1.20 मिलियन टन स्क्रैप लैड एसिड बैटरियां उत्पन्न होती है जिनमें से 85% से अधिक मात्रा का स्क्रैप, जिसका अनुमानित मूल्य 10000 करोड़ रुपये है,अनधिकृत इकाइयों को चला जाता है।  इससे लगभग 2000 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक कर राजस्व की हानि होती है।

 MRAI ने किसी भी अपंजीकृत व्यक्ति से बैटरी स्क्रैप (एचएसएन 8548 अब एचएसएन 8549) की खरीद को सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 9 (3) के अनुसार रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के तहत लाने का सुझाव दिया ताकि प्रथम खरीद पर सरकार को  कर का भुगतान केवल नगद लेजर के माध्यम से किया जाए न की इनपुट टैक्स के क्रेडिट द्वारा। इनपुट टैक्स से भुगतान धोखाधड़ी की संभावना को बढ़ाता है।

ज्ञापन के अनुसार, इससे न केवल बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित होगा बल्कि धोखाधड़ी वाले आईटीसी को भी समाप्त किया जा सकेगा और सरकार को २००० करोड़ रुपये से अधिक के कर राजस्व की भी प्राप्ति होगी ।

MRAI ने वित्त मंत्री का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया कि जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत के बाद से नकली चालानों की धोखाधड़ी के कारण पूरा उद्योग संघर्ष कर रहा है जिससे अधिकृत रीसाइक्लिंग इकाइयों को कच्चे माल का प्रवाह प्रभावित हो रहा है । तत्काल कार्रवाई के अभाव में यह न केवल उद्योग और अर्थव्यवस्था को ही नहीं बल्कि पर्यावरण को  भी प्रभावित कर सकता है ।

MRAI का परिचय -मैटेरियल रीसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमआरएआई) भारतीय शीर्ष राष्ट्रीय संघ है, जो अधिकांश क्षेत्रीय व्यापार/उत्पाद संघों सहित 1200 से अधिक सदस्यों के साथ रीसाइक्लिंग उद्योग के हित का प्रतिनिधित्व करता है। हमारी सामूहिक ताकत 20,000 से अधिक छोटे, मध्यम और बड़े उद्यम हैं, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 25 लाख लोगों को रोजगार देते हैं।  ये इकाइयां धातुओं (लौह एवं अलौह दोनों प्रकार), प्लास्टिक, पेपर, ई-अपशिष्ट, टायर और रबर, कपड़ा, ग्लास, ऑटोमोबाइल, निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट और पानी सहित रीसाइक्लिंग और पुनर्नवीनीकरण योग्य वस्तुओं में काम कर रही हैं।