एशिया की सबसे बड़ी बैटरी कंपनी कैमल शीघ्र ही भारत के बाजार में आने वाली है

लगभग 4 करोड़ ऑटोमोटिव बैटरी बनाने वाली एशिया की सबसे बड़ी बैटरी निर्माता कंपनी कैमल जल्द ही भारत के बैटरी बाजार में अपनी बैटरीयों को उतारने वाली है।

एशिया की सबसे बड़ी बैटरी कंपनी कैमल शीघ्र ही भारत के बाजार में आने वाली है
Camel Group Co. Ltd's HQ

मलेशिया स्थित कैमल ग्रुप कंपनी लिमिटेड की दक्षिण एशिया क्षेत्र के बिजनस हेड  मि. हार्वे जियांग ने बताया की उनकी कंपनी शीघ्र ही भारत में अपने रणनीतिक साझीदार के साथ कैमल उत्पादों को पेश करने जा रही  हैं।

  • मलेशिया के अतिरिक्त कैमल अमेरिका, जर्मनी और चीन जैसे दुनिया के विभिन्न महाद्वीपों के विभिन्न देशों में भी उपस्थित है। कैमल दुनिया के लगभग 200 प्रमुख मोटर वाहन निर्माताओं को बतौर ओoईoएमo बैटरी की आपूर्ति कर रहे हैं। वे दुनिया के 64 देशों को निर्यात कर रहे हैं।

कैमल की बैटरी लैड एसिड के अलावा लिथियम रेंज में भी उपलब्ध होगी। उनके पास ईवी के लिए लिथियम-आयन बैटरी की 2 GWh वार्षिक उत्पादन क्षमता है। 

बैटरी निर्माण विश्व की सर्वश्रेष्ठ मशीनों पर

Wirtz Con cast Machine

Hadi After treatment

बैटरी की विश्वशनीयता और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए मलेशिया स्थित इस फैक्ट्री में विश्व की उच्चतम गुणवत्ता की मशीनों का उपयोग हो रहा है। ग्रिड निर्माण sovema की अत्याधुनिक expanded ग्रिड कास्टिंग, punch ग्रिड कास्टिंग व wirtz की con- cast और con-roll प्रकार की उत्पादन लाइन पर होता है। इंग्लैंड की tbs कंपनी की ऑटोमैटिक बैटरी असेंबली लाइन लगी है। ग्रिड अलॉय में लैड के साथ अन्य धातुओं का एक विशेष मिश्रण बनाया उपयोग में लाया जा रहा है जिससे जाली 30% अधिक चलती है।

उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर उन्नत टेस्टिंग उपकरणों से जांच की जाती है और महत्वपूर्ण बात यह की प्रत्येक बैटरी की बिक्री के बाद भी निगरानी रखी जाती है ताकि किसी भी स्तर पर बैटरी के उपयोग करता को बैटरी के कारण कोई परेशानी न हो। 


कैमल लगभग 400 प्रकार की बैटरी बनाती है और इसकी सालाना बिक्री करीब 2.5 बिलियन डॉलर्स है। कुल बिक्री का 3% से अधिक शोध, उत्पादों को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने और नए उत्पाद के विकास पर प्रति वर्ष निवेश किया जाता है। यह रकम लगभग 75 मिलियन अमेरिकी डॉलर् या भारतीय रुपयों में कहे तो लगभग 600 करोड़ प्रति वर्ष बैठती है। उनके पास दुनिया भर में 4 आर एंड डी केंद्र हैं। इन केंद्रों में 300 से अधिक आर एंड डी कर्मचारी कार्यरत हैं।

कैमल पारंपरिक लैड ऐसिड बैटरी के अतिरिक्त शुद्ध लैड से बनी बैटरी भी बनाती है। विश्व में यह बैटरी स्टैन्ड्बाइ प्रकार के उपयोग के लिए कुल लागत के अनुसार अन्य बैटरी प्रकारों से बेहतर माना जाता है। 

उच्च गुणवत्ता के उत्पादों का भारत में आना एक अच्छी बात है। आशा है इस से गुणवत्ता में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। देखना होगा की छोटे और माध्यम आकार की बैटरी इकाइयों पर इसका क्या असर होगा।