लैड एसिड बैटरी का भविष्य बेहतर

फैडरेशन ऑफ इंडियन स्माॅल स्केल बैटरी एसोसिएशंस के अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल ने देश के सभी बैटरी निर्माताओं को लिथियम बैटरी से प्रतिस्पर्धा के प्रति निश्चिन्त रहने का आव्हान किया

लैड एसिड बैटरी का भविष्य बेहतर

 

लैड एसिड बैटरी का भविष्य बेहतर

फैडरेशन ऑफ इंडियन स्माॅल स्केल बैटरी एसोसिएशंस के अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल

फैडरेशन ऑफ इंडियन स्माॅल स्केल बैटरी एसोसिएशंस के अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल ने देश के सभी बैटरी निर्माताओं को लिथियम बैटरी से प्रतिस्पर्धा के प्रति निश्चिन्त रहने का आव्हान किया, उन्होंने कहा कि चिंता केवल लैड एसिड बैटरी के उत्पादन की नयी तकनीक को जानने और अपनाने की होनी चाहिए। लिथियम बैटरी एक अवसर भी है, भले ही लघु उद्यमी इसका उत्पादन न कर सकें लेकिन असेंबली और सेल्स का बड़ा बाजार हमारे हाथ में हो सकता है। गत 20 वर्षों का बैटरी उद्योग की प्रगति का अध्ययन करें तो हमें मालूम होगा की हम सब बहुत आगे हैं।

लिथियम आने में अभी समय

भारत की मार्किट में लीथियम बैटरी को पाँव ज़माने में अभी काफ़ी समय लगेगा इसलिए हमें लैड एसिड बैटरी में आधुनिक तकनीकी अपनाते रहना चाहिए जिससे भविष्य में लैड एसिड बैटरी लीथियम बैटरी का भरपूर मुक़ाबला कर सके। वर्तमान समय ग्रीन और सोलर एनर्जी का है। इस विषय पर जब राज्य व केंद्र सरकार कदम उठाती हैं ताे बैटरी उद्योग का भी लाभ होगा इसलिए हमें ज़्यादा से ज़्यादा बैटरी उत्पादन पर ध्यान देना होगा।

पाॅवर-आन के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा

पाॅवर-आन प्रदर्शनी के उ‌द्घाटन समारोह के अवसर पर फैडरशन के अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल ने पाॅवर-आॅन द्वारा प्रदर्शनी के बेहतर व्यवस्था को लेकर भूरि-भूरि प्रशंसा की व विभिन्न देशों एवं पूरे देश से आए बैटरीजनों के एक जगह एकत्रित होने पर उन्हें बधाई दी।

देश में लघु उद्योगों की अहम भूमिका

डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि देश में बैटरी का उत्पादन करीब 55 हजार करोड़ टन सालाना है जिसमें 20 से 22 हजार करोड़ टन यानि 45% तक का प्रोडक्‍शन केवल तीन-चार बड़ी कम्पनियां ही करती हैं। हालांकि कुछ बडे़ बैटरी निर्माता लघु उद्योगों के विकास में बाधक हैं लेकिन फिर भी देश में छोटे एवं मझोले उद्योगों का बैटरी उत्पादन में 50 प्रतिशत का योगदान है जो एक प्रसन्नता का सूचक है।

रिसाइक्लिंग से लैड की कमी पूरी करें

लैड के प्रोडक्शन के बारे में डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि अगर हम पिछले 20 वर्षों के लैड के उत्पादन और खपत के अंतर को देखें तो आज हम काफी आगे हैं। पहले इतना नहीं था लेकिन आज भारत को बैटरी उद्योग को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रति वर्ष लगभग 20 लाख टन लैड की जरूरत है। लैड की रिसाइक्लिंग करके भारत में बैटरी की मांग को पूरा किया जा रहा है फिर भी हमें ज्यादा लैड स्क्रेप की आवश्यकता है। लैड स्क्रेप को कुछ बैटरी उद्यमी आयात कर रहे हैं फिर भी उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।

जहाँ तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का सवाल है तो पिछले साल इसमें 2.4% की वृद्धि हुई थी जो वर्तमान में 2.5% तक बढ़ने के आसार हैं।

उद्योग में आधुनिकता पर जोर

लिथियम बैटरी की ओर हमें ज्यादा ध्यान नहीं देना है क्योंकि भारत में लिथियम का मार्केट ज्यादा नहीं है और इससे स्पर्धा करने की भी जरूरत नहीं है। भारत में लिथियम बैटरी को पांव जमाने के लिए अभी काफी समय लगेगा इसलिए हमें हर हाल में लैड एसिड बैटरी में आधुनिक तकनीक अपनाते रहना चाहिए, जिससे भविष्य में लिथियम बैटरी के आगमन का भरपूर मुकाबला कर सकें। लैड एसिड बैटरी की देश में नहीं अपितु विदेशों में भी काफी मांग है। देश के कुछ बैटरी निर्माता अपनी बैटरियों को अन्य देशों में बखूबी निर्यात भी कर रहे हैं।

ग्रीन एनर्जी और सोलर एनर्जी हेतु बनाए सोलर बैटरी

आगे आने वाले समय में प्रदूषण मुक्त ग्रीन और सोलर एनर्जी का ही समय है उसमें भी हमारे बैटरी उद्योग को काफी फायदा होगा। इसलिए लैड एसिड बैटरी उद्योग में लगे उद्यमियों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। देश में अधिकतर लैड एसिड बैटरी का ही बड़ी मात्रा में उपयोग हो रहा है और भविष्य में भी अगर केन्द्र और राज्य सरकारें ग्रीन एनर्जी और सोलर एनर्जी को लेकर कुछ ठोस कदम उठाती हैं तब भी बैटरी उद्योग को लाभ मिलेगा। इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा सोलर बैटरी उत्पादन पर ध्यान देना होगा। इसके अलावा अगर आप सरकार की योजनाओं के साथ काम करना चाहते हैं तब भी बैटरी उद्योग को फायदा होगा।

एमएसएमई निदेशक श्री डीसी साहू का विशेष अभिनंदन

फैडरेशन अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल ने प्रदर्शनी के उद्घाटन मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य लोगों का धन्यवाद करते हुए एमएसएमई निदेशक (इंदौर) श्री डीसी साहू का विशेष धन्यवाद दिया। श्री साहू समारोह के विशेष अतिथि थे। डॉ. अग्रवाल ने एम.पी. लैड एसोसिएशन के पदाधिकारीगण श्री मुकेश महेश्वरी, श्री मयंक अग्रवाल और श्री मनीष का हार्दिक आभार प्रकट किया।

सामंजस्य बनाकर भविष्य की रणनीति पर मंथन

प्रदर्शनी के माध्यम से हम सभी निर्माता, सप्लायर, डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर, सेलर अथवा खरीददार आदि सब आपस में मिल-बैठकर और ठोस मंथन कर वर्तमान व भविष्य की समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं तथा भविष्य की रणनीति के अनुसार अच्छा कार्य कर सकते हैं।